Supreme Court- बेरियम के पटाखों पर पूरे देश में प्रतिबंध, कोर्ट ने कहा- प्रदूषण का प्रबंधन हर किसी का दायित्व’

सुप्रीम कोर्ट-

ने यह भी कहा कि पटाखों का धुआं भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। यह धुआं हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर जैसे हानिकारक पदार्थों की मात्रा को बढ़ा देता है। इन पदार्थों से सांस लेने की समस्या, हृदय रोग, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण का प्रबंधन हर किसी का दायित्व है। सरकारों को प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने और उनका सख्ती से पालन कराने की जरूरत है। साथ ही, लोगों को भी प्रदूषण के प्रति जागरूक होने और प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।

बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध का महत्व


बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध का महत्व कई मायनों में है। यह प्रतिबंध वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। इससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी फायदा होगा।


बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध से होने वाले कुछ लाभों की सूची इस प्रकार है:

वायु प्रदूषण में कमी: बेरियम युक्त पटाखों से वायु प्रदूषण होता है। इस प्रतिबंध से वायु प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को सांस लेने में आसानी होगी।
ध्वनि प्रदूषण में कमी: बेरियम युक्त पटाखों से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इस प्रतिबंध से ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को शांति मिलेगी।


मानव स्वास्थ्य में सुधार:

बेरियम एक जहरीली धातु है, जो पटाखों के जलने पर वातावरण में फैल जाती है। यह धातु सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकती है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस प्रतिबंध से बेरियम के संपर्क में आने से लोगों को होने वाले स्वास्थ्य नुकसान में कमी आएगी।
पर्यावरण संरक्षण: बेरियम धातु पर्यावरण में भी हानिकारक है। यह मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर सकता है और जीव जंतुओं के लिए भी हानिकारक है। इस प्रतिबंध से बेरियम के प्रदूषण से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में कमी आएगी।

बेरियम युक्त पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रतिबंध वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर, 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए बेरियम युक्त पटाखों पर पूरे देश में प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी राज्यों पर लागू होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेरियम युक्त पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाले तत्व होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इन पटाखों को जलाने से वायु और ध्वनि प्रदूषण दोनों बढ़ता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में वायु और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण का प्रबंधन हर किसी का दायित्व है। सरकार, नागरिक और उद्योग सभी को मिलकर प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए

बेरियम युक्त पटाखों के हानिकारक प्रभाव

बेरियम युक्त पटाखों में बेरियम कार्बोनेट, बेरियम नाइट्रेट और बेरियम सल्फेट जैसे तत्व होते हैं। ये तत्व जलने पर वायु में विषाक्त गैसें छोड़ते हैं। इन गैसों में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और बेरियम कण शामिल हैं।

सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। ये गैसें सांस की समस्याओं, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।

बेरियम कण भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ये कण फेफड़ों में जा सकते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

वायु और ध्वनि प्रदूषण

भारत में वायु और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में 90% लोग खराब वायु गुणवत्ता वाले क्षेत्रों में रहते हैं।

वायु प्रदूषण से सांस की समस्याएं, हृदय रोग, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ध्वनि प्रदूषण से सुनने की समस्याएं, उच्च रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

प्रदूषण को कम करने के लिए कदम

सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य कदम भी उठाने की बात कही है। इनमें शामिल हैं:

पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना
प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को नियंत्रित करना
पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों का विकास करना
प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। सरकार, नागरिक और उद्योग सभी को मिलकर प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रतिबंध वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य कदम उठाने की बात कही है। इन कदमों को भी प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है।

यदि हम सभी मिलकर काम करें, तो हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं और एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं।

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