06 January 2024 current affairs in hindi language

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इस लेख मे क्या क्या है जानें।…………


05 जनवरी 2024 को पूरे भारतवर्ष में राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाएगा। 06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। 05 जनवरी 2024 को पूरे भारतवर्ष में राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाएगा। यह दिन पक्षियों के प्रति प्रेम और जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, पक्षी प्रेमी और पर्यावरणविद पक्षियों के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में पक्षियों के बारे में जानकारी दी जाती है, पक्षियों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाई जाती है, और पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की जाती है।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को पक्षियों के महत्व के बारे में बताया जाए। पक्षी प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं, फसलों को नुकसान से बचाते हैं, और मनुष्यों को खुशी प्रदान करते हैं। लेकिन आजकल, पक्षियों की कई प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसका कारण मनुष्यों द्वारा किए गए पर्यावरणीय नुकसान है।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाकर हम पक्षियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा सकते हैं। हम पक्षियों की रक्षा के लिए जागरूकता फैला सकते हैं और पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाने के लिए आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

  • पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  • पक्षियों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाएं।
  • पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करें।
  • पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करें।

आइए मिलकर इस दिन को एक सफल बनाने के लिए प्रयास करें।


हाल ही में सरकार ने म्यांमार देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने की योजना बनाई है। 06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। हाल ही में भारत सरकार ने म्यांमार देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने की योजना बनाई है। यह व्यवस्था 2018 में भारत की “पूर्व के लिए नीति” के तहत लागू की गई थी। इस व्यवस्था के तहत, भारत-म्यांमार सीमा के आसपास रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति थी।

सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि इसे उग्रवादियों, तस्करों और अवैध प्रवासियों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा था। उग्रवादी इस व्यवस्था का इस्तेमाल भारतीय पक्ष पर हमले करने और म्यांमार की ओर भागने के लिए करते थे। तस्कर इस व्यवस्था का इस्तेमाल मादक पदार्थों, हथियारों और अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी करने के लिए करते थे। अवैध प्रवासी इस व्यवस्था का इस्तेमाल भारत में घुसपैठ करने के लिए करते थे।

सरकार का मानना है कि मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने से इन समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी भी की जाएगी।

मुक्त आवाजाही व्यवस्था के खत्म होने से सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को कुछ परेशानी हो सकती है। लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि सीमा पार के लोगों के लिए पारगमन सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।


हाल ही में IMF जनवरी में पाकिस्तान देश को 700 मिलियन डॉलर की बेलआउट किश्त जारी करेगा।

हां, यह सही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 11 जनवरी, 2024 को पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर की बेलआउट किश्त जारी करने की मंजूरी दी। यह तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दूसरी किश्त है। पहली किश्त जुलाई 2023 में जारी की गई थी।

यह किश्त पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश को अपनी विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार करने और अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करेगी। पाकिस्तान को पिछले कुछ वर्षों से वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।

आईएमएफ ने पाकिस्तान को बेलआउट किश्त जारी करने की मंजूरी देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने कुछ आर्थिक सुधार किए हैं, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियाँ हैं। आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा कि उसे अपनी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, करों को बढ़ाने और सरकारी खर्चों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि यह किश्त पाकिस्तान के लिए एक “राहत” है। उन्होंने कहा कि यह किश्त पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

यह किश्त पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है। इससे पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।


हाल ही में इंटर-ऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली में उत्तर प्रदेश राज्य लगातार तीसरे साल देश में पहले स्थान पर रहा है।06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। हाल ही में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंटर-ऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली (I-CJS) के लिए 2023 का राष्ट्रीय मूल्यांकन जारी किया। इस मूल्यांकन में, उत्तर प्रदेश राज्य लगातार तीसरे साल देश में पहले स्थान पर रहा है।

I-CJS एक एकीकृत प्रणाली है जो आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न हितधारकों के बीच जानकारी और दस्तावेजों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाती है। यह प्रणाली अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी, मुकदमे की तैयारी और सुनवाई, और दंड के कार्यान्वयन को आसान और तेज बनाने में मदद करती है।

उत्तर प्रदेश राज्य ने I-CJS के कार्यान्वयन में कई महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य ने I-CJS के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा बनाया है, और राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों को I-CJS से जोड़ा गया है। राज्य ने I-CJS का उपयोग करके कई अपराधों की सफलतापूर्वक जांच और मुकदमा चलाया है।

उत्तर प्रदेश राज्य के I-CJS कार्यान्वयन में निम्नलिखित प्रमुख प्रगति शामिल हैं:

  • राज्य ने I-CJS के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा बनाया है।
  • राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों को I-CJS से जोड़ा गया है।
  • राज्य ने I-CJS का उपयोग करके कई अपराधों की सफलतापूर्वक जांच और मुकदमा चलाया है।

उत्तर प्रदेश राज्य के I-CJS कार्यान्वयन की सफलता से अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि I-CJS का उपयोग करके आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जा सकता है।

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हाल ही में टीसीएस कंपनी द्वारा ‘राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम’ का अनावरण किया गया है।06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। हाल ही में भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने चिकित्सा उपकरणों के आयात को सुव्यवस्थित करने के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा डिजाइन किया गया एक एकीकृत पोर्टल ‘नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS)’ लॉन्च किया है। यह प्लेटफ़ॉर्म अनुमोदन के लिए वन-स्टॉप-शॉप के रूप में कार्य करता है।

NSWS का उद्देश्य निवेशकों के लिए एक केंद्रीकृत मंच बनाना है, जिससे व्यापार करने में आसानी बढ़े। यह प्लेटफ़ॉर्म चिकित्सा उपकरणों के आयात से संबंधित सभी अनुमोदनों को संभालता है, जिसमें पंजीकरण प्रमाणपत्र, विनिर्माण लाइसेंस और विशिष्ट उद्देश्यों के लिए आयात लाइसेंस शामिल हैं।

NSWS को 1 जनवरी, 2024 से चालू कर दिया गया है। प्रारंभ में, यह चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के तहत गतिविधियों को संभालेगा। आने वाले महीनों में, मंच द्वारा चिकित्सा उपकरणों से संबंधित अतिरिक्त गतिविधियों को शामिल करने की उम्मीद है।

NSWS के लॉन्च से निम्नलिखित लाभ होने की उम्मीद है:

  • चिकित्सा उपकरणों के आयात के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में कम समय लगेगा।
  • अनुमोदन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुलभ होगी।
  • अनुमोदन प्रक्रिया में कम लागत आएगी।
  • चिकित्सा उपकरणों के आयात में सुधार होगा।

NSWS भारत सरकार की व्यापार को सुगम बनाने की पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पहल देश में निवेश को बढ़ावा देने और व्यापारियों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करेगी।

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हाल ही में पीएम विश्वकर्मा योजना लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर बना है।06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। जम्मू-कश्मीर ने 3 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (पीएमवीवाई) को लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, प्रमाणन, टूलकिट और विपणन सहायता प्रदान करके सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है।

पीएमवीवाई के तहत, जम्मू-कश्मीर में कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे:

  • पांच से सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण
  • 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण
  • 500 रुपये प्रति दिन का प्रशिक्षण भत्ता
  • 15,000 रुपये का आधुनिक टूलकिट
  • क्रेडिट आधारित सॉफ्ट लोन के साथ जुड़ाव
  • विपणन सहायता

पीएमवीवाई के लागू होने से जम्मू-कश्मीर के कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल विकास और रोजगार के अवसरों में सुधार होने की उम्मीद है।

पीएमवीवाई की घोषणा सितंबर 2023 में की गई थी। यह योजना भारत सरकार की कौशल विकास और रोजगार सृजन की पहल का एक हिस्सा है।


हाल ही में कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।06 January 2024 current affairs in hindi language

जी हाँ, यह सही है। हाल ही में, 2 जनवरी, 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप के कावारत्ती में कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (KLI-SOFC) का उद्घाटन किया। यह कनेक्शन लक्षद्वीप को भारत की मुख्य भूमि से 100 गुना तेज इंटरनेट से जोड़ेगा।

KLI-SOFC परियोजना को भारत सरकार के दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के सहयोग से किया गया था। इस परियोजना की लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है।

इस कनेक्शन के उद्घाटन से लक्षद्वीप में कई लाभ होंगे, जिनमें शामिल हैं:06 January 2024 current affairs in hindi language

  • तेज और विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं
  • टेलीमेडिसिन और ई-गवर्नेंस में सुधार
  • शिक्षा और व्यवसाय के अवसरों में वृद्धि
  • पर्यटन और आर्थिक विकास में वृद्धि

KLI-SOFC परियोजना भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परियोजना लक्षद्वीप को भारत के मुख्यधारा के डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ेगी और इस द्वीप समूह के विकास में मदद करेगी।

KLI-SOFC परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना लक्षद्वीप के लोगों के लिए एक “नया युग” की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह कनेक्शन लक्षद्वीप को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ेगा और इस द्वीप समूह के लोगों को दुनिया भर के लोगों से जुड़ने और अपनी क्षमताओं को विकसित करने में मदद करेगा।


हाल ही में भारत देश दुनिया की सबसे बड़ी “ Radio Telescope Project” का हिस्सा बन गया है।06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। भारत देश हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी रेडियो टेलीस्कोप परियोजना, स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्जर्वेटरी (SKA) का हिस्सा बना है। यह परियोजना दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में स्थित है। भारत इस परियोजना में 1250 करोड़ रुपये का योगदान देगा।06 January 2024 current affairs in hindi language

SKA एक एकीकृत रेडियो टेलीस्कोप प्रणाली है जो हजारों एंटेना का उपयोग करके ब्रह्मांड के बारे में जानकारी एकत्र करती है। यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो पृथ्वी के बाहर जीवन की तलाश करने, ब्लैक होल और सुपरनोवा जैसे खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करने और ब्रह्मांड के विकास को समझने में मदद कर सकता है।

भारत की SKA में भागीदारी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बढ़ती क्षमता को दर्शाता है। यह भारत के लिए एक अवसर भी है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा दे।

SKA परियोजना का पहला चरण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके पूरा होने पर, यह ब्रह्मांड का अध्ययन करने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरणों में से एक होगा।


हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल नागेंद्र सिंह ने जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में ‘चेतक कोर’ की कमान संभाली है।

05 January 2024 current affairs in hindi language


हाल ही में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के नए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में रवींद्र कुमार त्यागी को नियुक्त किया गया है।

04 January 2024 current affairs in hindi language

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हाल ही में राजस्थान राज्य का नया मुख्य सचिव सुधांश पंत को नियुक्त किया गया है।

02 January 2024 current affairs in hindi language


हाल ही में भारत 4 वर्षों के लिए संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया है।06 January 2024 current affairs in hindi language

हाँ, यह सही है। भारत ने 1 जनवरी, 2024 से शुरू होने वाले चार साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (यूएनएससी) के सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया है। भारत की इस सदस्यता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

यूएनएससी संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च सांख्यिकीय निकाय है। यह सांख्यिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मानकों के विकास को बढ़ावा देता है। भारत की यूएनएससी में सदस्यता से यह उम्मीद है कि भारत विश्व स्तर पर सांख्यिकी के क्षेत्र में अपनी भूमिका और नेतृत्व को बढ़ाएगा।

भारत ने यूएनएससी के सदस्य के रूप में निम्नलिखित क्षेत्रों में योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है:

  • विश्व स्तर पर सांख्यिकी की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार
  • संवेदनशील और समावेशी सांख्यिकी के विकास को बढ़ावा देना
  • सांख्यिकी का उपयोग करके सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करना

भारत की यूएनएससी में सदस्यता से यह उम्मीद है कि भारत विश्व स्तर पर सांख्यिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनेगा।06 January 2024 current affairs in hindi language


हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर मसर्रत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया।

06 January 2024 current affairs in hindi language


हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में दीघा और सोनपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर 4.56 किमी लंबे, 6-लेन वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी।

06 January 2024 current affairs in hindi language

दीघा-सोनपुर पुल

यह पुल पटना और सारण जिलों के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क कड़ी प्रदान करेगा। यह पुल वर्तमान में चल रहे दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल के समानांतर पश्चिम में बनाया जाएगा।

पुल के निर्माण पर लगभग ₹3,064 करोड़ की लागत आएगी और इसे 42 महीनों में पूरा करने की योजना है। पुल का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाएगा।

पुल का निर्माण बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। यह राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच आवागमन को आसान बनाएगा और व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा।06 January 2024 current affairs in hindi language


हाल ही में उत्तराखंड भारत की पहली हिमालयन एयर सफारी शुरू कर रहा है, जो विभिन्न स्थलों पर जाइरोकॉप्टर सवारी के साथ एक अद्वितीय पर्यटक अनुभव प्रदान करेगी। इस पहल का उद्देश्य हिमालय की चोटियों का अनोखा हवाई दृश्य पेश करके पर्यटन को बढ़ावा देना है।06 January 2024 current affairs in hindi language

उत्तराखंड की हिमालयन एयर सफारी

उत्तराखंड भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और साहसिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है।

हाल ही में, उत्तराखंड सरकार ने भारत की पहली हिमालयन एयर सफारी शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

हिमालयन एयर सफारी एक जाइरोकॉप्टर सवारी है जो विभिन्न पर्यटन स्थलों को कवर करती है। यह एक अद्वितीय पर्यटक अनुभव प्रदान करता है, जिसमें पर्यटक हिमालय की चोटियों और अन्य प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा दृश्य देख सकते हैं।

हिमालयन एयर सफारी के लिए विभिन्न मार्गों की योजना बनाई गई है। इनमें शामिल हैं:

  • ऋषिकेश से हरिद्वार तक: यह मार्ग हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच की सुंदरता को दर्शाता है। इसमें गंगा नदी, हिमालय की चोटियाँ और हरिद्वार के तीर्थ स्थल शामिल हैं।
  • देहरादून से मसूरी तक: यह मार्ग देहरादून और मसूरी के बीच की ऊँचाई वाली घाटियों को दर्शाता है। इसमें नैनीताल झील, चंदौली घाटी और मसूरी की पहाड़ियाँ शामिल हैं।
  • रानीखेत से अल्मोड़ा तक: यह मार्ग रानीखेत और अल्मोड़ा के बीच की हरी-भरी घाटियों को दर्शाता है। इसमें रानीखेत के घने जंगल, अल्मोड़ा की पहाड़ियाँ और रानीखेत की झीलें शामिल हैं।

हिमालयन एयर सफारी की शुरुआत फरवरी 2024 से होने की उम्मीद है। इसकी कीमत ₹15,000 प्रति व्यक्ति से शुरू होगी।

हिमालयन एयर सफारी के लाभ

हिमालयन एयर सफारी के कई लाभ हैं। यह एक अद्वितीय पर्यटक अनुभव प्रदान करता है जो पर्यटकों को हिमालय की सुंदरता का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।

हिमालयन एयर सफारी से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:

  • पर्यटन को बढ़ावा: यह पहल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगी। यह पर्यटकों को राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
  • आर्थिक विकास: यह पहल राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। यह राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
  • पर्यावरण संरक्षण: यह पहल पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकती है। यह पर्यटकों को राज्य के प्राकृतिक सुंदरता के प्रति जागरूक करेगा और उन्हें पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगा।

कुल मिलाकर, हिमालयन एयर सफारी एक महत्वपूर्ण पहल है जो उत्तराखंड के पर्यटन और आर्थिक विकास में योगदान देगी। यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने और पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करने का एक शानदार तरीका है।

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हाल ही में पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे द्वारा लिखित पुस्तक ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ का अनावरण किया गया है। इसमें नरवणे ने साल 2020 में हुई गलवान घाटी सैन्य झड़प का जिक्र किया है।

हां, हाल ही में पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे द्वारा लिखित पुस्तक ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ का अनावरण किया गया है। इसमें नरवणे ने साल 2020 में हुई गलवान घाटी सैन्य झड़प का जिक्र किया है।

पुस्तक में नरवणे ने कहा है कि गलवान घाटी झड़प एक “अप्रत्याशित घटना” थी और भारत के लिए एक “बड़ा सदमा” थी। उन्होंने कहा कि झड़प में भारत के 20 सैनिकों की शहादत हुई, जो “एक राष्ट्रीय त्रासदी” थी।

नरवणे ने झड़प के पीछे के कारणों पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि झड़प के लिए चीन जिम्मेदार था, क्योंकि उसने पूर्वी लद्दाख में भारत के क्षेत्रीय दावों का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि भारत ने झड़प के बाद चीन को कड़ा जवाब दिया, और दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव कम करने के लिए बातचीत शुरू की गई।

पुस्तक में नरवणे ने गलवान घाटी झड़प के बाद भारत की सैन्य तैयारियों पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि भारत ने झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में अपने सैन्य बलों को मजबूत किया है और चीन के खिलाफ अपनी तैयारियों को बढ़ाया है।

पुस्तक में नरवणे ने गलवान घाटी झड़प के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की है, जिनमें शामिल हैं:

  • झड़प 15 जून 2020 को हुई थी।
  • झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे।
  • चीन के कितने सैनिक मारे गए, इसका कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
  • झड़प के पीछे चीन जिम्मेदार था।
  • झड़प के बाद भारत ने चीन को कड़ा जवाब दिया।
  • भारत ने झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में अपने सैन्य बलों को मजबूत किया है।

पुस्तक ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो गलवान घाटी झड़प की एक व्यापक और विस्तृत तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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