8th pay commission hike : किसी भी वक्त बढ़ सकता है 4%डीए, महंगाई भत्ता 50 फीसदी होते ही होगा हल्ला

8th pay commission hike साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) की मौजूदा दर 46 फीसदी है। जनवरी 2024 से जब इस दर में 4 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, तो यह दर 50 फीसदी या उससे ज्यादा हो जाएगी। श्रीकुमार का कहना है कि इससे केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों को लेकर आंदोलन की राह खुल जाएगी।

8th pay commission hike
8th pay commission

श्रीकुमार ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ अभी तक नहीं मिला है। इसके अलावा, डीए में बढ़ोतरी भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए, अन्यथा आंदोलन की राह पर जाने से कोई नहीं बच पाएगा।

श्रीकुमार के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की प्रमुख मांगें हैं:

  • आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ जल्द से जल्द देना।
  • डीए में लगातार बढ़ोतरी करना।
  • पेंशन में बढ़ोतरी करना।
  • HRA में बढ़ोतरी करना।
ज्वाइन whatsappक्लिक करे
Telegramक्लिक करे

श्रीकुमार का कहना है कि अगर केंद्र सरकार इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती है, तो केंद्रीय कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

आपकी वर्तमान स्थिति के अनुसार, यह कहा जा सकता है कि भारत में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव हो रहा है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से उनके वेतन में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। हालांकि, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं मिलने से वे नाराज हैं। अगर केंद्र सरकार इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन की संभावना बढ़ जाएगी।

भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा 31 दिसम्बर 2023 को नवंबर 2023 के लिए जारी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.7 अंकों की वृद्धि दर्ज हुई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अब 139.1 (एक सौ उनतालीस अंक एक) पर पहुंच गया है। इसके आधार पर जनवरी 2024 से अपेक्षित डीए/डीआर में 4 फीसदी की वृद्धि अनुमानित है। जनवरी 2024 से अपेक्षित डीए/डीआर बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा।

श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है।

यह संकलन, आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी होता है। दिसंबर 2023 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्लू) 0.7 अंक बढ़कर 139.1 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.51 फीसदी की वृद्धि रही है। एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.23 सूचकांक स्थिर रहा था।


0.65 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित हुआ बदलाव 8th pay commission hike


सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा है, जिसने कुल बदलाव को 0.65 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित किया है। मदों में चावल, गेंहू का आटा, ज्वार, अरहर, दाल/तूर दाल, मुर्गी के अंडे, तिल का तेल, ताजा नारियल पल्प के साथ, गाजर, ड्रम स्टिक, फ्रेंच बीन, लहसुन, भिंडी, प्याज, टमाटर, चीनी, जीरा, तैयार भोजन, जर्दा किमाम/सुर्ती, गुटका, तंबाकू पत्ता, सिलाई प्रभार, रेडीमेड ट्राउजर पैंट्स, चमड़े के सैंडल चप्पल स्लिपर्स,

घरेलू बिजली प्रभार, किताबें स्कूल/आईटीआई, ट्यूशन एवं अन्य फीस कालेज, इत्यादि सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे हैं। इसके विपरित, मुख्यत: ताजा मछली, पोल्ट्री / चिकन, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी का तेल, सेब, केला, अंगूर, संतरा, शिमला मिर्च, फूलगोभी, हरी मिर्च, अदरक, नींबू, मटर, एलोपेथिक दवाईयां, इत्यादि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित किया है।


36 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच रही वृद्धि 8th pay commission hike


केंद्र स्तर पर त्रिरुनेवेली के सूचकांक में अधिकतम 4.1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य तीन केंद्रों पर 3 से 3.9 अंक, 5 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 19 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक तथा 36 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि रही है। इसके विपरित गुरुग्राम में अधिकतम 1.5 अंक तत्पश्चात अहमदाबाद एवं कोलम, प्रत्येक में 1.0 अंक की कमी दर्ज की गई है।

अन्य 18 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच कमी रही है। शेष 3 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे हैं। नवंबर 2023 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 4.45 फीसदी तथा गत वर्ष के इसी माह के 5.41 फीसदी की तुलना में 4.98 फीसदी रहा है। खाद्य स्फीति दर पिछले माह के 6.87 फीसदी एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 4.30 फीसदी की तुलना में 7.95 फीसदी रहा।


…तो हो जाएगी कर्मियों की सेलरी रिवाइज 8th pay commission hike


पिछले कई वर्षों से केंद्रीय कर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। इस साल जनवरी में भी डीए की दरों में चार से पांच फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मियों की सेलरी रिवाइज होगी। कई तरह के भत्तों में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाएगी।

केंद्र सरकार को आठवें वेतन आयोग का गठन करना होगा। उस स्थिति में केंद्र सरकार के कर्मियों को बंपर खुशखबरी का अहसास होगा। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में ‘पे’ रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरूरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि वेतन आयोग ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी है कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित हो ना चाहिए।


दो करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनरों में नाराजगी

8वें वेतन आयोग के गठन की मांग 8th pay commission hike

भारत सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों ने 8वें वेतन आयोग के 8th pay commission hikeगठन की मांग की है। वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों का वेतन 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिया जाता है, जिसे 2016 में लागू किया गया था।

कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि पिछले 7 सालों में महंगाई में भारी वृद्धि हुई है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों की वास्तविक आय में कमी आई है। वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी वास्तविक आय में सुधार होगा।

ज्वाइन whatsappक्लिक करे
Telegramक्लिक करे

सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन की कोई घोषणा नहीं की है। सरकार का कहना है कि अभी इसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इसलिए वेतन आयोग का गठन करना उचित नहीं होगा।

8th pay commission hike कर्मचारियों और पेंशनरों की मांग के समर्थन में तर्क

कर्मचारियों और पेंशनरों की मांग के समर्थन में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं:

  • महंगाई में वृद्धि के कारण कर्मचारियों और पेंशनरों की वास्तविक आय में कमी आई है।
  • 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें आज की स्थिति के अनुरूप नहीं हैं।
  • वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी वास्तविक आय में सुधार होगा।

8th pay commission hike पर सरकार के निर्णय के समर्थन में तर्क

सरकार के निर्णय के समर्थन में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं:

  • देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
  • वेतन आयोग के गठन से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
  • वेतन आयोग के गठन से महंगाई बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग के गठन की मांग एक जायज मांग है। कर्मचारियों और पेंशनरों की वास्तविक आय में सुधार के लिए वेतन आयोग का गठन आवश्यक है। हालांकि, सरकार की आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा। यदि सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है, तो सरकार को 8वें वेतन आयोग का गठन करना चाहिए।

यह भी पढ़े

54लाख कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, 8th Pay Commission को लेकर सरकार ने कह दी बड़ी बात

Budget 2024: सरकार 48 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए बढ़ा सकती है बेसिक सैलरी


Share now

Leave a comment