हेलो दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को श्री रामलाला की मूर्ति Ram bhagwan ki Murti की स्थापना की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की द्वारा किया जाएगा जिसमें मूर्ति में प्रमुख विशेषताएं हैं क्योंकि निम्नलिखित है जिसको आप यहां पर जान सकते हैं
इस लेख मे क्या क्या है जानें।…………
Ram bhagwan ki Murti अयोध्या में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
- आकार: मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच (1.30 मीटर) है। यह श्यामल रंग की शालिग्राम शिला से बनी है।
- रुख: मूर्ति में भगवान राम का बाल रूप है। वे दायें हाथ में धनुष और बाएं हाथ में बाण लिए हुए हैं। उनका चेहरा शांत और प्रसन्न है।
- आभूषण: मूर्ति में भगवान राम के सोने के मुकुट, हार, कर्णफूल, बाहुबंद और पायल आदि हैं।
- वेशभूषा: मूर्ति में भगवान राम श्वेत धोती और पीतांबर पहने हुए हैं। उनके कंधे पर शीशमहल भी है।
Ram bhagwan ki Murti के ऊपर एक आभामंडल है। इसमें भगवान राम के दशावतार की मूर्तियां हैं। दशावतार में भगवान राम के 10 अवतारों को दर्शाया गया है। ये अवतार हैं:
- मत्स्य अवतार
- कूर्म अवतार
- वराह अवतार
- नरसिंह अवतार
- वाराह अवतार
- राम अवतार
- कृष्ण अवतार
- बुद्ध अवतार
- कल्कि अवतार
मूर्ति के नीचे भगवान राम के दो भक्तों, जटायु और हनुमान की मूर्तियां भी हैं। जटायु एक पक्षी था जिसने भगवान राम की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया था। हनुमान भगवान राम के सबसे वफादार भक्त थे। उन्होंने भगवान राम के लिए कई कठिन कार्य किए थे।
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इन विशेषताओं को ध्यान में रखकर मूर्ति का निर्माण किया गया है। यह मूर्ति भगवान राम के भक्तों के लिए एक श्रद्धा का केंद्र होगी।
यहाँ इन विशेषताओं का विस्तृत वर्णन दिया गया है:Ram bhagwan ki Murti
- आकार: मूर्ति का आकार 51 इंच (1.30 मीटर) है। यह एक आदर्श आकार है जो भगवान राम के बाल रूप को दर्शाता है।
- रुख: मूर्ति में भगवान राम का बाल रूप है। वे दायें हाथ में धनुष और बाएं हाथ में बाण लिए हुए हैं। उनका चेहरा शांत और प्रसन्न है। यह रुख भगवान राम के बाल रूप के सौम्य और वीर स्वभाव को दर्शाता है।
- आभूषण: मूर्ति में भगवान राम के सोने के मुकुट, हार, कर्णफूल, बाहुबंद और पायल आदि हैं। ये आभूषण भगवान राम के राजसी रूप को दर्शाते हैं।
- वेशभूषा: मूर्ति में भगवान राम श्वेत धोती और पीतांबर पहने हुए हैं। उनके कंधे पर शीशमहल भी है। यह वेशभूषा भगवान राम के सात्विक और आध्यात्मिक रूप को दर्शाती है।
- आभामंडल: मूर्ति के ऊपर एक आभामंडल है। इसमें भगवान राम के दशावतार की मूर्तियां हैं। दशावतार में भगवान राम के 10 अवतारों को दर्शाया गया है। ये अवतार भगवान राम के सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान होने का प्रतीक हैं।
- जटायु और हनुमान की मूर्तियां: मूर्ति के नीचे भगवान राम के दो भक्तों, जटायु और हनुमान की मूर्तियां भी हैं। जटायु एक पक्षी था जिसने भगवान राम की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया था। हनुमान भगवान राम के सबसे वफादार भक्त थे। उन्होंने भगवान राम के लिए कई कठिन कार्य किए थे। इन मूर्तियों का उद्देश्य भगवान राम के भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना है।